बुधवार, 20 अक्तूबर 2010

ईश्वर बनाम अस्तित्व

संपूर्ण अस्तित्व एक जीवंत देह की भांति काम करता है। प्रत्येक चीज अन्य हर चीज से संबंधित है। घास का छोटे से छोटा तिनका, हजारों-लाखों प्रकाश वर्ष दूर स्थित बड़े से बड़े तारे के साथ जुड़ा हुआ है। कोई आदेश देने वाला कहीं नहीं बैठा है और सारा काम चल रहा है। अस्तित्व स्वशासित है। जो भी हो रहा है, स्वतःस्फूर्त है। न कोई आज्ञा देता, न कोई अनुकरण करता। यह महानतम रहस्य है।

चूंकि यह रहस्य नहीं समझा जा सका

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